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अक्टूबर 10, 2024 7:35 अपराह्न

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भारत की एक्‍ट-ईस्‍ट नीति ने आसियान देशों के साथ संबंधों को नई ऊर्जा, गति और दिशा दीः प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि भारत की एक्‍ट ईस्‍ट नीति ने आसियान देशों के साथ संबंधों को नई ऊर्जा, गति और दिशा दी है। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की है।

 

    लाओ की राजधानी वियंनचन में भारत-‍आसियान सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और आसियान देश शांति पसंद राष्‍ट्र हैं और यह एक दूसरे की अखंडता और संप्रभुता का सम्‍मान करते हैं। उन्‍होंने कहा कि जब दुनिया के कई भागों में मतभेद और तनाव है, ऐसे में भारत और आसियान में मित्रता, सहयोग, संवाद और साझेदारी बहुत महत्‍वपूर्ण हो जाती है।

 

    भारत और आसियान देशों के महत्‍व पर प्रकाश डालते हुए श्री मोदी ने कहा कि आसियान क्षेत्र के साथ भारत का व्‍यापार पिछले दस सालों में दोगुना होकर 13 करोड़ डॉलर से अधिक हो गया है।

 

    उन्होंने कहा कि भारत की सात आसियान देशों के साथ सीधी उड़ान कनेक्टिविटी है और जल्द ही ब्रुनेई के लिए भी सीधी उड़ानें शुरू होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने तिमोर-लेस्ते में नए वाणिज्य दूतावास खोले हैं। श्री मोदी ने कहा कि सिंगापुर आसियान क्षेत्र का पहला देश है जिसके साथ भारत ने फिनटेक कनेक्टिविटी स्थापित की है। 

 

    इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने भारत और आसियान देशों के बीच संबंधों को और बढ़ावा देने के लिए 10 सूत्री योजना की घोषणा की। इसके अंतर्गत अगले वर्ष को आसियान-भारत पर्यटन वर्ष के रूप में मनाया जाएगा, जिसकी संयुक्त गतिविधियों के लिए भारत 50 लाख अमरीकी डॉलर उपलब्ध कराएगा।

 

आसियान-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास कोष के अंतर्गत आसियान-भारत महिला वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्तियों की संख्या और भारत के कृषि विश्वविद्यालयों में आसियान छात्रों के लिए नई छात्रवृत्ति का प्रावधान दोगुना किया जाएगा। इसके अलावा वर्ष 2025 तक आसियान-भारत माल व्यापार समझौते की समीक्षा की जाएगी। डिजिटल और साइबर क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में आसियान-भारत साइबर नीति संवाद के लिए एक नियमित तंत्र शुरू किया जाएगा।        

           

    इससे पहले का आज दोपहर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी का वियंनचन पहुंचने पर लाओ के गृह मामलों के मंत्री विलायवोंग बौद्दाखम ने स्वागत किया। होटल पहुंचने पर में प्रवासी भारतीयों ने श्री मोदी का स्वागत किया।

 

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने लुआंग प्रबांग के प्रतिष्ठित रॉयल थिएटर द्वारा लाओ रामायण – जिसे फलक फलम या फ्रा लाक फ्रा राम कहा जाता है की प्रस्‍तुति देखी। यह प्राचीन महाकाव्य रामायण का लाओ रूपांतरण है।

 

प्रधानमंत्री ने लाओ के केंद्रीय बौद्ध फैलोशिप संगठन के बौद्ध भिक्षुओं के आशीर्वाद समारोह में भी भाग लिया। अपनी यात्रा के पहले दिन श्री मोदी आसियान सदस्य देशों और भाग लेने वाले देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। इस यात्रा के दौरान उनका वियंनचन में 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी भाग लेने का कार्यक्रम है।

 

लाओ जाने से पहले अपने वक्तव्य में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत लाओ सहित आसियान क्षेत्र के साथ घनिष्ठ सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध साझा करता है, जो बौद्ध धर्म और रामायण की साझा विरासत से समृद्ध हैं।