आज दुनिया भर में भारतीय दूतावासों ने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान दिवस का आयोजन किया। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने संयुक्त राष्ट्र ट्रस्टीशिप परिषद में वैश्विक शांति और सौहार्द के लिए ध्यान कार्यक्रम का आयोजन किया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही ध्यान की परंपरा रही है और यह आंतरिक शांति तथा समरसता का माध्यम है।
लाओस में भारतीय दूतावास में भारत के राजदूत प्रशांत अग्रवाल ने शांति, समरसता और व्यक्तिगत कल्याण के लिए ध्यान अपनाने की अपील की। कार्यक्रम के दौरान लोगों ने ध्यान की सरल तकनीकों का अभ्यास किया। दूतावास ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि संयुक्त राष्ट्र से 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मान्यता दिलाने में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
संयुक्त राष्ट्र में नेपाल के दूतावास में भी विश्व ध्यान दिवस मनाया गया। दूतावास ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि बहुत से साधु-संत सच्चाई, आत्मज्ञान और संबोधि के लिए नेपाल आये थे। नेपाल के स्थाई प्रतिनिधि लोक थापा ने नेपाल को तपोभूमि बताया। उन्होंने कहा कि ध्यान में लोगों को एकजुट करने, सौहार्द को बढ़ावा देने तथा समुदायों के बीच दूरियों को कम करने की क्षमता है।
साओ पोलो में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने स्वामी विवेकानन्द सांस्कृतिक केन्द्र में ध्यान सत्र का आयोजन किया। इस दौरान भारत के महावाणिज्य दूत हंसराज सिंह वर्मा ने ध्यान के महत्व पर चर्चा की।
दक्षिण अफ्रीका में जोहान्सबर्ग में, भारतीय दूतावास ने सभी से सचेतन होकर जीने की अपील की। दूतावास ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि कुछ पल के होशपूर्वक जीवन से भी बहुत फर्क पड़ता है।
हांगकांग में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने ध्यान से आंतरिक शांति को प्राप्त करने और समरसता के प्रसार का आह्वान किया।
श्रीलंका और भूटान में भारतीय दूतावासों में भी विश्व ध्यान दिवस का आयोजन किया गया।
अर्जेंटीना में भारतीय दूतावास ने योग, पाक-कला और भारतीय संस्कृति के मिश्रण के साथ विश्व ध्यान दिवस मनाने की घोषणा की।