भारतीय रिज़र्व बैंक का कहना है कि अनिश्चित बाहरी वातावरण के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार मज़बूती दिखा रही है और उच्च वृद्धि दर्ज करने के लिए तैयार है। आरबीआई के अक्टूबर बुलेटिन में कल कहा गया कि क्षमता उपयोग और घरेलू माँग के संकेतकों ने सुधार के संकेत दिए हैं। इसमें कहा गया है कि विनिर्माण और सेवाओं के प्रमुख संकेतकों में लगातार मज़बूती दिखाई दे रही है, जबकि मुद्रास्फीति लक्ष्य दर से काफ़ी नीचे रही।
आरबीआई ने कहा कि संकेतक शहरी माँग में सुधार और ग्रामीण माँग में मज़बूती की ओर इशारा करते हैं। आरबीआई बुलेटिन में कहा गया है कि मुख्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति सितंबर में तेज़ी से कम हुई, जो जून 2017 के बाद से सबसे कम है। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मुद्रास्फीति में नरमी ने मौद्रिक नीति को मूल्य स्थिरता के प्राथमिक लक्ष्य से समझौता किए बिना विकास को समर्थन देने के लिए ज़्यादा गुंजाइश दी है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 2025 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि अनुमानों को 20 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने भी घरेलू मांग में निरंतर गति को रेखांकित करते हुए वर्ष 2025 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि अनुमानों को 40 आधार अंकों से संशोधित कर 6.3 प्रतिशत से 6.7 प्रतिशत कर दिया है।