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अगस्त 13, 2024 6:03 अपराह्न | वायु सेना-तरंग शक्ति

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भारतीय वायु सेना ने बहुपक्षीय हवाई युद्ध अभ्यास ‘एक्स तरंग शक्ति’ की मेज़बानी की

 

भारतीय वायुसेना ने अपनी सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन करने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से आज सबसे बड़े बहुपक्षीय हवाई युद्ध अभ्यास – एक्स तरंग शक्ति की मेजबानी की। इसका आयोजन तमिलनाडु में सुलुर के वायुसेना स्टेशन पर किया गया।

 

रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस अभ्यास में लगभग 11 देशों की वायु सेनाओं ने हिस्सा लिया। इसमें राफेल, एफ-18 और यूरोफाइटर टाइफून सहित कई प्रकार के लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया।

 

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने वायु सेना युद्धाभ्यास के अवसर पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस अभ्यास के सभी उद्देश्य पूरे हुए और इसमें हिस्सा लेने वालों ने एक दूसरे की बेहतर युद्ध तकनीक के बारे में जाना। उन्‍होंने कहा कि स्‍वदेशी तकनीक से निर्मित हल्‍के लड़ाकू विमान तेजस ने युद्धाभ्‍यास में अपनी क्षमताओं का बेहतरीन प्रदर्शन किया।

 

जर्मनी के वायुसेना प्रमुख इंगो गेरहार्टज ने आकाशवाणी से बातचीत में कहा कि इस युद्धाभ्यास में भाग लेने वाले यूरोपीय देशों के लिए ये एक बहुत अच्छा अनुभव रहा। इस अवसर पर अलग से एक अंतरराष्ट्रीय विमानन प्रदर्शनी -2024 का भी आयोजन  किया जा रहा है। प्रदर्शनी में कई प्रसिद्ध भारतीय और विदेशी कंपनियां भाग ले रही हैं। इन कंपनियों की ओर से कई तरह के सैनिक उपकरण और शस्त्र प्रणालियों का प्रदर्शन किया गया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के प्रमुख समीर वी कामत ने कहा कि डीआरडीओ सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर तरह से तैयार है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2034-35 तक उन्नत किस्म के मध्यम लड़ाकू विमान और 2028-29 तक एलसीए एएफ एमके-2 लड़ाकू विमान वायु सेना में शामिल कर लिए जाएंगे।