भारत ने खुले समुद्र में समुद्री जैव विविधता की रक्षा के लिए कल संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक अंतरराष्ट्रीय समझौते पर हस्ताक्षर किए।
इस समझौते को औपचारिक रूप से राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से अलग जैव विविधता (बीबीएनजे) समझौते के रूप में जाना जाता है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भारत की ओर से समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते का उद्देश्य समुद्री जीवन का संरक्षण सुनिश्चित करना है।
इस समझौते को अंतिम रूप देने में 20 वर्ष का समय लगा और पिछले वर्ष इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाया गया। यह अवैध तरीके से मछली पकड़ने और प्रदूषण फैलाने पर प्रतिबंध लगाता है।
समझौते के तहत, देश खुले समुद्र में समुद्री संसाधनों पर संप्रभु अधिकार का दावा नहीं कर सकते। इससे समुद्री संसाधनों से लाभ का न्यायसंगत बंटवारा सुनिश्चित होता है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस समझौते में भारत की भागीदारी को जुलाई में मंजूरी दी थी।