भारत ने बौद्धिक-संपदा संरक्षण के लिए समान पहुंँच सुनिश्चित करने तथा समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए अपनी वचनबद्धता को पुष्ट करते हुए रियाद डिजाइन कानून संधि के निर्णायक अधिनियम पर हस्ताक्षर किए हैं। यह संधि औद्योगिकी डिजाइन संरक्षण, कुशलता बढ़ाने और विभिन्न अधिकार क्षेत्रों में पंजीकरण प्रक्रियाओं की पहुंच को सुगम बनाने के लिए प्रक्रियागत ढांचे में मेल स्थापित करती है।
वाणिज्य और उदयोग मंत्रालय ने कहा कि प्रक्रियागत आवश्यकताओं का मानकीकरण करके डिजाइन कानून संधि डिजाइन में वैश्विक रचनात्मकता को बढावा देने के लिए प्रशासनिक बाधाओं को कम करती है। इसका उद्देश्य सुव्यस्थित डिजाइन संरक्षण के लाभ को सभी हितधारकों विशेषकर छोटे और मझोले उद्यम, स्टार्टअप्स और स्वतंत्र डिजाइनरों के लिए पहुंच प्रदान करना है।
पिछले दशक में भारत के डिजाइन पंजीकरण तिगुना हुए हैं। साथ ही घरेलू फाइलिंग में पिछले दो वर्षों में 120 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।