कारगिल के संकू की नुसरत फातिमा ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 18 से 22 दिसंबर तक अबू धाबी में आयोजित 5वीं जूनियर विश्व पेनकैक सिलाट चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। 58 किलोग्राम जूनियर वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हुए, उनका उत्कृष्ट प्रदर्शन वैश्विक लड़ाकू खेलों में भारत के बढ़ते कद को रेखांकित करता है।
नुसरत की उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत समर्पण और प्रतिभा को उजागर करती है, बल्कि लद्दाख जैसे भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में अप्रयुक्त क्षमता को भी दर्शाती है। उनकी जीत जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने और देश के हर कोने से एथलीटों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर एकीकृत करने के महत्व पर जोर देती है।
जिला कारगिल ओलंपिक संघ के महासचिव सैयद मेहराज उद्दीन शाह ने नुसरत की उपलब्धि की प्रशंसा करते हुए इसे लद्दाख और भारत दोनों के लिए गौरव का क्षण बताया।
उन्होंने कहा, “नुसरत की सफलता पेनकैक सिलाट जैसी पारंपरिक मार्शल आर्ट में भारत के युवाओं की बढ़ती ताकत को दर्शाती है, जिसे वैश्विक मान्यता मिल रही है।” दूरदराज के क्षेत्रों में खेल के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के प्रयासों ने नुसरत जैसी प्रतिभाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उनका रजत पदक सीमावर्ती क्षेत्रों के युवाओं की क्षमता की ओर ध्यान आकर्षित करता है, जो अंतरराष्ट्रीय खेल-प्रतियोगिताओं में राष्ट्र की आकांक्षाओं में योगदान देता है।
यह जीत न केवल एक क्षेत्रीय उपलब्धि है, बल्कि भारत के लड़ाकू खेल समुदाय के लिए एक मील का पत्थर है, क्योंकि राष्ट्र विश्व मंच पर अपनी छाप छोड़ना जारी रखता है।