भारत ने अफगानिस्तान को निरंतर मानवीय सहायता और स्वास्थ्य सेवा सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई है। इस सहयोग के अंतर्गत दवाओं की दीर्घकालिक आपूर्ति पर विशेष ध्यान दिया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने पिछले सप्ताह भारत दौरे पर आए अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री मौलवी नूर जलाल जलाली के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक के दौरान यह बात कही।
विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में बताया कि इस बैठक के दौरान कैंसर की दवाओं और टीकों का प्रतिकात्मक हस्तांतरण किया गया जो अफगानिस्तान के लोगों की चिकित्सा आवश्यकताओं के प्रति भारत की लगातार सहायता दर्शाता है। अफगानिस्तान की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए भारत से दवाईयों, टीकों और और 128-स्लाइस सीटी स्कैनर की एक बड़ी खेप अफगानिस्तान भेजी जा रही है। अफगानिस्तान के मंत्री 16 से 21 दिसम्बर तक भारत के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने नई दिल्ली में पारंपरिक चिकित्सा पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के दूसरे वैश्विक शिखर सम्मेलन में भी भाग लिया।
अपनी यात्रा के दौरान श्री मौलवी नूर जलाल जलाली ने विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह से भी मुलाकात की। बैठक के दौरान दोनों पक्षों में स्वास्थ्य संबंधी विकास परियोजनाओं, स्वास्थ्य पर संयुक्त कार्य समूह के गठन और अफगानिस्तान में कैंसर उपचार सुविधाओं की स्थापना तथा अफगानिस्तान के चिकित्सकों के क्षमता निर्माण कार्यक्रम के लिए डॉक्टरों की टीम अफगानिस्तान भेजने पर चर्चा हुई। श्री जलाली ने केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव से भी मुलाकात की और उन्होंने ज्ञान के आदान-प्रदान तथा शिक्षा, अनुसंधान और पारंपरिक दवाईयों के विनियमन के अवसरों पर भी चर्चा की गई।