भारत ने कल जिनेवा में नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध (आई.सी.सी.पी.आर.) के तहत मानवाधिकार समिति द्वारा अपनी चौथी आवधिक समीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न कर ली है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी और भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने किया। इसमें पश्चिम क्षेत्र के सचिव पवन कपूर और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, अल्पसंख्यक मामले, विदेश मंत्रालय, जनजातीय कार्य, गृह मंत्रालय और अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।
चर्चा के दौरान, मानवाधिकार समिति के सदस्यों ने बहुलवाद, अहिंसा और विविधता जैसे सिद्धांतों में निहित भारत की परंपराओं और लोकाचार की सराहना की। यह भी कहा गया कि भारत में एक जीवंत संसदीय लोकतंत्र है, जिसने हाल ही में सबसे बड़े लोकतांत्रिक पर्व को सफलतापूर्वक संपन्न किया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस समीक्षा ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार ढांचे के साथ भारत की वचनबद्धता को प्रदर्शित करने के साथ चिंताओं को संबोधित करने के प्रति इसकी इच्छा भी दिखी। भारत अपने नागरिकों के मानवाधिकारों का संरक्षण करने और बढ़ावा देने की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखेगा।