रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत जहाज निर्माण और समुद्री क्षेत्र का प्रमुख वैश्विक केन्द्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने वैश्विक साझेदारों से भारत की बढ़ती जहाज निर्माण क्षेत्र की क्षमता का उपयोग करने और अगली पीढ़ी की समुद्री क्षमताओं को विकसित करने में सहयोग करने की अपील की।
रक्षा मंत्री ने रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा आयोजित एक सेमिनार समुद्र उत्कर्ष को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का जहाज निर्माण क्षेत्र की निजी कंपनियों और हजारों एमएसएमई उद्योग द्वारा संचालित है, जो निरंतर विकसित हो रहा है। श्री सिंह ने कहा कि यह क्षेत्र न केवल भारत के क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा हितों की रक्षा कर रहा है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल समुद्री तकनीकों को भी अपना रहा है।
स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत, कलवरी-क्लास सबमरीन, और स्टील्थ फ्रिगेट और डिस्ट्रॉयर के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि ये भारतीय शिपयार्ड की तकनीकी परिपक्वता और औद्योगिक विकास को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि नौसेना और इंडियन कोस्ट गार्ड का हर जहाज भारतीय शिपयार्ड में बन रहा है, जो रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भता को दिखाता है।