मार्च 17, 2025 5:36 अपराह्न

printer

भारत और न्यूजीलैंड ने रक्षा, शिक्षा, खेल, बागवानी और वानिकी क्षेत्रों में 5 समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए

भारत और न्यूजीलैंड ने रक्षा, शिक्षा, खेल, बागवानी और वानिकी क्षेत्रों में पांच समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए हैं। नई दिल्‍ली में आज दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने और पेशेवरों तथा कुशल श्रमिकों का आवागमन सुविधाजनक बनाने की व्यवस्था पर बातचीत की घोषणा की। न्यूजीलैंड हिंद-प्रशांत महासागर पहल में शामिल हो गया है। यह आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन का सदस्य भी बन गया है।

 

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के साथ बातचीत की। चर्चा में भारत-न्यूजीलैंड संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत हुई। श्री मोदी ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री के सम्मान में दोपहर भोज का आयोजन भी किया।

 

    श्री मोदी ने प्रेस वक्तव्य में कहा कि उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। दोनों पक्षों ने रक्षा और सुरक्षा साझेदारी मजबूत करने तथा संस्थागत बनाने का फैसला किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों ने पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया है। इससे आपसी व्यापार और निवेश की संभावनाओं को प्रोत्‍साहन मिलेगा।

 

उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और आदान-प्रदान के साथ-साथ दोनों देशों ने खेल विज्ञान, मनोविज्ञान और चिकित्सा में सहयोग पर भी बल दिया। श्री मोदी ने कहा कि अगले वर्ष दोनों देशों के बीच खेल संबंधों के सौ वर्ष पूरे होने का उत्‍सव मनाने का निर्णय लिया गया है।

 

उन्होंने कहा कि भारत, न्यूजीलैंड में कुछ गैरकानूनी तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में अपनी चिंताओं को साझा करता है और विश्वास व्यक्त करता है कि भारत को इन सभी अवैध तत्वों के विरुद्ध न्यूजीलैंड सरकार का सहयोग प्राप्त होता रहेगा।

 

प्रधानमंत्री ने वर्ष 2019 का क्राइस्टचर्च आतंकी हमला और 2008 का मुंबई आतंकी हमले का हवाला देते हुए कहा कि आतंकवाद किसी भी रूप में अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि आतंकी हमलों के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई आवश्‍यक है।

 

श्री मोदी ने कहा कि भारत और न्यूजीलैंड आतंकवादी, अलगाववादी और कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ सहयोग करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष एक स्वतंत्र, खुले, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत का समर्थन करते हैं और विस्तारवाद नहीं बल्कि विकास की नीति में विश्वास करते हैं।

 

    श्री लक्सन ने अपने वक्तव्य में कहा कि दोनों देश पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौता करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति बढ़ाएगा।

 

    श्री लक्सन आज शाम राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भेंट करेंगे।

 

इससे पहले आज सुबह न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर  श्रद्धांजलि अर्पित की।

 

    बाद में विदेश मंत्रालय में सचिव जयदीप मजूमदार ने कहा कि पिछले एक वर्ष में भारत और न्यूजीलैंड के बीच कई उच्च स्तरीय वार्ताएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि श्री लक्सन ने प्रधानमंत्री के रूप में तीसरी बार जीत हासिल करने पर श्री मोदी को टेलीफोन पर बधाई दी और श्री मोदी ने पिछले वर्ष अक्टूबर में लाओ में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में श्री लक्सन से भेंट भी की थी।

 

श्री मजूमदार ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पिछले वर्ष अगस्त में न्यूजीलैंड की बहुत सफल यात्रा की थी। उन्‍होंने श्री लक्सन ने राष्ट्रपति से मुलाकात भी की थी।

 

    वार्ता के दौरान खालिस्तानी तत्वों के बारे में श्री मजूमदार ने कहा कि इस मुद्दे पर भी बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि भारत विरोधी गतिविधियों, आतंकवाद को महिमामंडित करने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अन्य लोकतांत्रिक स्वतंत्रताओं के दुरुपयोग के बारे में विभिन्‍न देशों को सचेत करता रहता है। श्री मजूमदार ने कहा कि न्यूजीलैंड की सरकार का इस बारे में सकारात्‍मक रुख रहा है।

 

    श्री लक्सन की यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध प्रगाढ़ करना, सभी क्षेत्रों में संबंधों को गहरा करने और लोगों के आपसी संपर्क को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करना है। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री कल भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। उनके साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी है।

 

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री बुधवार को मुंबई जाएंगे।

सर्वाधिक पठित
सम्पूर्ण जानकारी arrow-right

कोई पोस्ट नहीं मिला