भारत और जर्मनी ने अपने संबंधों को नई रफ्तार देने पर सहमति व्यक्त की है और परस्पर हित के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की है। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनके निवास पर मुलाकात की। दोनों नेताओं में अर्थव्यवस्था, निवेश और विनिर्माण, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा तथा सुरक्षा और प्रतिभा के आवागमन के क्षेत्रों में सहयोग बढाने पर भी चर्चा की।
बाद में दोनों नेताओं ने अंतर सरकारी परामर्श समूह (आईजीसी) की सातवीं बैठक की सह-अध्यक्षता की। आईजीसी सरकारी व्यवस्था है जिसमें दोनों पक्षों के मंत्री अपनी-अपनी जिम्मेदारी वाले क्षेत्रों से जुडे मुद्दों पर विचार विमर्श के बाद उसके निष्कर्षों को प्रधानमंत्री और चांसलर को प्रस्तुत करते हैं। आईजीसी को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 2022 में आईजीसी की पिछली बैठक के दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय सहयोग बढाने के कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये और पिछले दो वर्षों में रणनीतिक संबंधों के विभिन्न क्षेत्रों में उत्साहजनक प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि रक्षा, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, हरित और सतत विकास के क्षेत्रों में बढता सहयोग दोनों देशों के बीच परस्पर विश्वास का प्रतीक बन गया है। श्री मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया तनाव, संघर्ष और अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है तथा हिन्द प्रशांत क्षेत्र में कानून का पालन और समुद्री आवाजाही की स्वतंत्रता को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। ऐसे समय में भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के संबंध दो सक्षम और सशक्त लोकतांत्रिक देशों की परिवर्तनकारी साझेदारी है।
भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है जिसकी जर्मनी के साथ इस प्रकार की परामर्श व्यवस्था है। आईजीसी की बैठक में प्रौद्योगिकी पर विशेष चर्चा होगी।
जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज तीन दिन की भारत यात्रा पर कल रात नई दिल्ली पहुंचे थे।