नवम्बर 25, 2025 1:48 अपराह्न

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नई श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन से आएगी बेरोजगारी दर में कमी: एसबीआई

भारतीय स्टेट बैंक-एसबीआई ने कहा है कि नई श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन से अर्थव्यवस्था को उल्लेखनीय बढ़ावा मिलेगा और देश में बेरोजगारी दर में कमी आएगी। बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार नए श्रम संहिताओं से बेरोजगारी दर में 1 दशमलव 3 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। इससे 77 लाख अतिरिक्त रोजगार सृजित होंगे।

 

रिपोर्ट में बताया गया है कि इस महीने की 21 तारीख से लागू हुई नई श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन से श्रम बल में नियमित रोजगार की हिस्सेदारी कम से कम 15 प्रतिशत बढ़ जाएगी। इससे कुल नियमित श्रमिकों की हिस्सेदारी वर्तमान अनुमानित 60 दशमलव 4 प्रतिशत से बढ़कर 75 दशमलव 5 प्रतिशत हो जाएगी। सामाजिक क्षेत्र का कवरेज 85 प्रतिशत तक बढ़ सकता है, जिससे देश का श्रम पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होगा। 30 प्रतिशत की बचत दर के साथ इन सुधारों से उपभोग में वृद्धि हो सकती है। इससे मध्यम अवधि में कुल उपभोग में 75 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि होगी जिससे घरेलू खपत बढेगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

 

एसबीआई ने बताया कि देश में लगभग 44 करोड़ लोग वर्तमान में असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं, जिनमें से लगभग 31 करोड़ श्रमिक ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं। नई श्रम संहिताओं के लागू होने से अगले 2 से 3 वर्ष में देश का सामाजिक सुरक्षा कवरेज 80 से 85 प्रतिशत तक पहुँचने की उम्मीद है।

 

रिपोर्ट में इस बात पर भी ज़ोर दिया गया है कि चार श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन से श्रमिकों और उद्यमों दोनों सशक्त होंगे। नए श्रम संहिताओं में श्रम नियमों को सरल बनाने और कार्यस्थल प्रशासन में सुधार के लिए 29 मौजूदा श्रम कानूनों को चार व्यापक संहिताओं में मिला दिया गया है। चार संहिताओं में वेतन संहिता, 2019; सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य क्षेत्र संहिता, 2020 तथा औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 शामिल हैं।