स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025 आज लोकसभा में प्रस्तुत किया गया। इस विधेयक का उद्देश्य पान मसाला के उत्पादन पर उपकर लगाकर स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए धन जुटाना है।
विधेयक पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य स्वास्थ्य सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संसाधन जुटाना है। उन्होंने कहा कि उपकर किसी भी आवश्यक वस्तु पर नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करने वाली हानिकारक वस्तुओं पर लगाया जाएगा। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आम नागरिकों पर बोझ डाले बिना महत्वपूर्ण राष्ट्रीय प्राथमिकताओं का वित्तपोषण किया जाए। वित्त मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक से प्राप्त राजस्व को विशिष्ट स्वास्थ्य योजनाओं के लिए राज्यों के साथ साझा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 40 प्रतिशत जीएसटी के अलावा पान मसाला इकाइयों पर स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर भी लगाया जाएगा।
चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के वरुण चौधरी ने विधेयक को आगे की जांच के लिए प्रवर समिति को भेजने की मांग की। भाजपा के जगदंबिका पाल ने अवगुण वस्तुओं पर शुल्क लगाने की सराहना की। कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने विधेयक को संघीय व्यवस्था के खिलाफ बताते हुए आरोप लगाया कि उपकर के रूप में एकत्र धन का उपयोग राज्यों में विकास कार्यों के लिए कभी नहीं किया गया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी के सांसद आर. सचिदानंदम ने तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की और वित्त मंत्री से राज्य सरकारों को उपकर राजस्व का 50 प्रतिशत देने का अनुरोध किया। एनसीपी- शरद पवार की सांसद सुप्रिया सुले ने विधेयक के उद्देश्य की सराहना की लेकिन उपकर के रूप में कर एकत्र करने पर सवाल उठाया। डीएमके सांसद थमिजाची थंगापांडियन ने कहा कि यह विधेयक केंद्र और राज्यों के बीच राजकोषीय असंतुलन दूर करने के बजाय इसे और बढायेगा।
चर्चा अधूरी रही।