उत्तराखंड के पौड़ी विकासखण्ड में वजली गांव की मधु देवी ग्रामोत्थान परियोजना (रीप) की मदद से आज आत्मनिर्भर बन गई हैं। परियोजना के अंतर्गत मधु देवी को ग्राहक सेवा केन्द्र (सीएससी) खोलने के लिए 75 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी गई। ग्रामोत्थान परियोजना से मिली धनराशि, बैंक ऋण और कुछ अपनी जमा पूंजी लगाकर उन्होंने खाण्डयूंसैंण बाजार में सीएससी खोला। इसके जरिए मधु देवी प्रतिमाह 10 हजार रूपये तक की कमाई कर रही हैं। इसके अलावा मधु बैंक सखी भी हैं। इन व्यापारिक गतिविधियों से मधु आर्थिक रूप से स्वावलंबी हुई हैं। वर्ष 2017 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत मधु समेत आठ महिलाओं ने नागराजा स्वयं सहायता समूह का गठन किया। गत वर्ष मधु देवी ग्रामोत्थान परियोजना से जुड़ीं।
ग्रामोत्थान परियोजना की ओर से स्वयं सहायता समूह, ग्राम संगठन और कलस्टर में जुड़ी महिलाओं के आजीविका संवर्द्धन को बढ़ाने के लिए योजनाओं की जानकारी प्रदान की गयी। मधु का चयन व्यक्तिगत उद्यम के अंतर्गत ग्राहक सेवा केन्द्र स्थापित करने के लिए हुआ। व्यक्तिगत उद्यम गतिविधि के अंतर्गत उन्हें परियोजना द्वारा 75 हजार रुपये की सहयोग राशि प्राप्त हुई। इसके अलावा उन्होंने बैंक से डेढ़ लाख रूपये का ऋण लिया, जिससे उन्होंने एक ग्राहक सेवा केंद्र की स्थापना की। केंद्र में ग्रामीणों को विभिन्न प्रमाण पत्र उपलब्ध करा कर वह शुल्क के रूप में आमदनी कर रही हैं।
मधु बताती हैं कि सीएससी के अलावा वह बैंक सखी के रूप में आस-पास के ग्रामीणों को डिजिटल बैंक सेवा उपलब्ध करा रही हैं। उन्होंने जन-धन योजना के तहत लगभग 700 बैंक खाते खोले हैं। उनका कहना है कि सेवाओं के माध्यम से उन्होंने अपनी आय 20 हजार रुपये प्रतिमाह तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है।
मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत ने कहा कि मधु देवी का केंद्र आज स्थानीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण सेवा स्थल बन गया है, जिससे न केवल उनकी आजीविका में सुधार हुआ, बल्कि ग्रामीणों को भी आवश्यक बैंकिंग सुविधाएँ सुलभ हुईं हैं।