प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार मणिपुर में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मणिपुर में शांति और सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों से बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने स्वयं मणिपुर जाकर शांति के प्रयासों का नेतृत्व किया। श्री मोदी ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को भी समस्याओं का समाधान खोजने और शांति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि मणिपुर में हिंसा की घटनाएं लगातार कम हो रही हैं। उन्होंने बताया कि आज मणिपुर में विद्यालय, महाविद्यालय, कार्यालय और अन्य संस्थान सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने मणिपुर में बाढ़ की गंभीर स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि बाढ़ राहत कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की दो कंपनियां तैनात हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राहत और बचाव कार्यों में राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को संविधान का सबसे बड़ा विरोधी बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की मानसिकता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का विरोध करने की रही है। उन्होंने मुख्य विपक्षी दल पर पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का अपमान करने का भी आरोप लगाया। श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का भी अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि संविधान केवल अनुच्छेदों का संकलन नहीं है, बल्कि इसकी भावना और शब्द सरकार के लिए मूल्यवान हैं। श्री मोदी ने कहा कि संविधान, सरकार को दिशा दिखाने वाला प्रकाश स्तम्भ है।
प्रधानमंत्री ने बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि संविधान 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने संविधान दिवस मनाने का विरोध करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह लोगों का त्यौहार बन गया है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान सरकार के दृष्टिकोण पर प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबी के खिलाफ लड़ाई, सरकार का प्रमुख एजेंडा होगा। उन्होंने कहा कि देश गरीबी के खिलाफ विजयी होगा। श्री मोदी ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं की गति, गहराई और विस्तार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताएं होंगी। उन्होंने कहा कि सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश अगले पांच वर्षों में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में बड़े पैमाने पर बदलाव देखेगा। उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 10 करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं और पिछले छह वर्षों में किसानों को तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक वितरित किये गये हैं। श्री मोदी ने कहा कि कोविड महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था दसवें से पांचवें स्थान पर पहुंच गयी है। उन्होंने कहा कि लोगों ने सरकार के पिछले दस वर्षों के दौरान किए गए कार्यों का समर्थन किया और नई सरकार को उसके प्रदर्शन के आधार पर चुना है। उन्होंने कहा कि छह दशक बाद ऐसा हुआ कि लोगों ने किसी सरकार को लगातार तीसरी बार चुना है। प्रधानमंत्री के सम्बोधन के दौरान कांग्रेस, द्रविड मुनेत्र कझगम, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य सदन के बीचोबीच आ गए। सभापति जगदीप धनखड़ ने उनसे सीटों पर वापस जाने को कहा। बाद में विपक्षी दलों के सदस्य से उठकर बाहर चले गए। विपक्ष के बहिर्गमन पर प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष में अपने ही सवालों के जवाब सुनने की हिम्मत नहीं है। उन्होंने इसे उच्च सदन का अपमान बताया। सभापति ने भी विपक्ष के वॉकआउट पर नाराजगी व्यक्त की।
इससे पहले, आज सवेरे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा फिर शुरू हुई। यूपीपी-एल के रवंगवरा नारज़री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की एक्ट ईस्ट नीति के कारण पूर्वोत्तर क्षेत्र फला-फूला है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शांति आ गई है और कई उग्रवादी समूहों ने शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व में असम में अत्यधिक विकास हुआ है।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में कल हुई दुखद घटना में जान गंवाने वाले लोगों को सदन ने श्रद्धांजलि दी। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस दुखद घटना में जानमाल की हानि और घायल होना दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि घायलों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। सभापति ने कहा कि अधिकारियों ने मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सुझाव दिया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह को हाथरस की घटना पर बयान देना चाहिए। सभापति ने श्री खरगे के इस सुझाव की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समाधान खोजने के वास्ते सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों का साथ आना अत्यंत स्वस्थ परंपरा होगी।