शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि सरकार महिलाओं के विकास के दृष्टिकोण को बदलकर महिलाओं के नेतृत्व में विकास लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कल नई दिल्ली में एकदिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। इस कार्यशाला का विषय है ”महिला नेता: वर्ष 2047 में विकसित भारत के लिए अकादमिक श्रेष्ठता तैयार करना”। शिक्षा मंत्री ने बताया कि कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप शिक्षा के प्रत्येक स्तर पर महिलाओं के सशक्तीकरण पर जोर दिया गया है।
श्री प्रधान ने कहा कि महिला सशक्तीकरण का भारतीय मॉडल इस प्रकार तैयार किया जाना चाहिए, जिससे महिलाएं सभी नीति निर्धारण और जीवन के विकल्पों का चयन करने में शामिल हों। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति दृढता और आशा का प्रतीक है तथा महिलाओं के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना भारतीय सभ्यता के अभिन्न मूल्य है।
कार्यशाला का उद्देश्य यह दर्शाना है कि महिलाएं उच्च शिक्षा के शैक्षिक मानकों को कैसे बढा रही हैं और उन्हें नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए किस तरह तैयार और प्रेरित कर रही हैं।