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नवम्बर 23, 2025 8:48 पूर्वाह्न | #G20Summit #Johannesburg #GlobalLeaders #G202025 #InternationalDiplomacy

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प्रधानमंत्री आज जी-20 सम्मेलन से अलग भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका नेताओं की बैठक में शामिल होंगे

जी20 नेताओं का शिखर सम्मेलन आज दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में संपन्न होगा। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी शिखर सम्मेलन के तीसरे सत्र में भाग लेंगे। इसका विषय सभी के लिए एक निष्पक्ष और न्यायपूर्ण भविष्य – महत्वपूर्ण खनिज, सभ्य कार्य और कृत्रिम बुद्धिमत्ता है। प्रधानमंत्री मोदी पहली बार अफ्रीका में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका की तीन दिन की यात्रा पर जोहान्सबर्ग पहुँचे। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज जी-20 शिखर सम्मेलन के तीसरे सत्र में अपने समकक्षों के साथ शामिल होंगे और सत्र को संबोधित करेंगे।

 

सत्र से पहले, प्रधानमंत्री मोदी भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका आई बी एस ए नेताओं की बैठक में भाग लेंगे। यह एक विशेष त्रिपक्षीय मंच है जो एशिया, दक्षिण अमरीका और अफ्रीका के तीन प्रमुख देशों और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है। भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका समान विकास प्राथमिकताएँ साझा करते हैं और बहुलवादी, बहु-सांस्कृतिक, बहु-जातीय, बहुभाषी और बहु-धार्मिक समाज हैं।

 

आज शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा, जापानी प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची, कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्ने और इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी आज शाम भारत के लिए रवाना होंगे।

 

इस बीच, विदेश मंत्रालय में आर्थिक संबंधों के मामलों के सचिव और जी-20 मामलों के प्रभारी, सुधाकर दलेला ने कल रात मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि एकजुटता, समानता और स्थिरता के व्यापक विषय के अंतर्गत, इस वर्ष जी-20 सम्‍मेलन में दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में चार प्रमुख प्राथमिकताओं पर एक सशक्त संदेश दिया है।

 

इनमें आपदा प्रतिरोधक क्षमता और प्रतिक्रिया को मज़बूत करना, कम आय वाले देशों के लिए ऋण स्थिरता सुनिश्चित करना, सतत आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का दोहन और एक न्यायसंगत ऊर्जा परिवर्तन के लिए वित्त जुटाना शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान आकार लेने वाली कई पहल और परिणाम समूह में विकसित होते रहे हैं और दक्षिण अफ्रीका ने अपनी अध्यक्षता के दौरान इन्हें प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया है।