भारत और न्यूजीलैंड के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता-(एफटीए) वार्ता के बाद भारत द्वारा न्यूजीलैंड को निर्यात किए जाने वाले माल पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। यह मुक्त व्यापार समझौता न्यूजीलैंड में भारतीय निर्यात के लिए बाजार पहुंच और शुल्क वरीयताओं को बढ़ाता है तथा व्यापक ओशिनिया और प्रशांत द्वीप बाजारों के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। यह मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के बीच निवेश साझेदारी को उल्लेखनीय रूप से मज़बूत करेगा। इस समझौते के हिस्से के रूप में न्यूजीलैंड ने अगले पंद्रह सालों में भारत में बीस बिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि एफटीए किसानों, उद्योगपतियों, छात्रों और नवोन्मेषकों को व्यापार निर्माण में कई अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यह समझौता एक बड़े रूप में व्यापार, पर्यटन, अनुसंधान एवं विकास, शिक्षा, नवोन्मेषक और सेवाक्षेत्रों विशेषकर किसानों के लाभ और डेयरी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की गुणवत्ता, उत्पादन और आय बढ़ाने में सहायता करेगा।
श्री गोयल ने उल्लेख किया कि यह आपसी समझौता भारत और न्यूज़ीलैंड की आर्थिक साझेदारी तथा आधुनिक भारत की एक विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में मजबूती प्रदान करेगा। नई पीढ़ी की व्यापारिक साझेदार का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में तीसरा मुक्त व्यापार समझौता इस साल संपन्न हुआ। यह विकसित भारत 2047 की परिकल्पना के अंतर्गत वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी, समावेशी और लचीली अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है।