वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आठ प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर पर जोर दिया है। नई दिल्ली में आज कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सीतारामन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली है और निरंतर विकास कर रही है तथा इसमें वैश्विक उतार-चढ़ाव झेलने की पर्याप्त क्षमता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अस्थिरता के बीच घरेलू कारकों से देश की विकास दर मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक संघर्ष तेज़ हो रहे हैं और वर्तमान ज़रूरतों को पूरा करने के लिए वैश्विक संस्थानों में सुधारों की आवश्यकता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो मार्ग निर्धारित किए हैं। पहला मार्ग 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त करना है, जबकि दूसरा मार्ग आत्मनिर्भरता के ज़रिए भारत को विकसित बनाना है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार राजकोषीय सुदृढ़ीकरण, पूंजीगत व्यय की बेहतर गुणवत्ता और मुद्रास्फीति का दबाव कम करने पर लगातार ध्यान दे रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अभूतपूर्व वैश्विक अनिश्चितता और अस्थिरता के समय में यह सम्मेलन अत्यन्त महत्वपूर्ण है।