वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि सरकार राजकोषीय अनुशासन के लिए प्रतिबद्ध है। नई दिल्ली कौटिल्य इकोनॉमिक कान्क्लेव 2024 में उन्होंने कहा कि वित्तीय घाटा वित्त वर्ष 2024 के सकल घरेलू उत्पाद के पांच दशमलव छह प्रतिशत से और गिरकर वित्त वर्ष 2025 में चार दशमलव नौ प्रतिशत होने का अनुमान है। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि राजकोषीय अनुशासन के लिए प्रतिबद्धता केवल बांड के ब्याज पर नियंत्रण में मदद नहीं करेगा बल्कि अर्थव्यवस्था-व्यापी उधार लागत को भी कम करेगा।
वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि गरीब, महिलाएं, युवा और किसान विकसित भारत की विकास प्रक्रिया के सबसे बड़े हितधारक और लाभार्थी हैं। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत विचारों, प्रौद्योगिकी और संस्कृति के जीवंत आदान-प्रदान का केंद्र बनकर न केवल भारतीयों बल्कि बाकी दुनिया में समृद्धि लाएगा।