सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि कोविड के दौरान काम करते हुए मरने वाले डॉक्टरों के परिवारों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 50 लाख रुपये का बीमा मिलेगा। न्यायालय ने बम्बई उच्च न्यायालय के उस फैसले को रद्द कर दिया जिसमें प्राइवेट डॉक्टरों को इसमें शामिल नहीं किया गया था।
न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि महामारी के नियम और सरकारी आदेश से स्पष्ट है कि डॉक्टरों की सेवाएं ली गई थीं और बीमा योजना का मकसद अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को यह भरोसा दिलाना था कि देश उनके साथ है।
न्यायालय ने कहा कि दावों का मूल्यांकन सबूतों के आधार पर किया जाना चाहिए, और यह साबित करने की ज़िम्मेदारी दावेदार की होगी कि डॉक्टर की मौत कोविड की ड्यूटी के दौरान हुई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने यह आदेश ठाणे के एक प्राइवेट डॉक्टर की 2020 में मौत के बाद दायर याचिका पर दिया है।