विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि सरकार विदेशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षा तथा कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और अवैध आव्रजन तथा मानव तस्करी से निपटने के लिए अमरीकी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। आज राज्यसभा में पूरक प्रश्नों के उत्तर में, डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत, देश के नागरिकों के निर्वासन से संबंधित सभी मामलों में अमरीका के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करता है। उन्होंने कहा कि ऐसे निर्वासन उनकी भारतीय राष्ट्रीयता के स्पष्ट सत्यापन के अधीन हैं। उन्होंने सदन को सूचित किया कि 2009 से अब तक कुल 18 हजार 822 भारतीय नागरिकों को भारत निर्वासित किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष जनवरी से अब तक कुल 3 हजार 258 भारतीय नागरिकों को अमेरिका द्वारा भारत निर्वासित किया गया है और उनमें से दो हज़ार से अधिक व्यक्तियों को नियमित वाणिज्यिक उड़ानों से निर्वासित किया गया, जबकि शेष अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन -आईसीई या अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा सीबीपी द्वारा संचालित चार्टर उड़ानों से आए।
मंत्रालय ने निर्वासित लोगों के साथ व्यवहार, खासकर महिलाओं और बच्चों पर बेड़ियों के इस्तेमाल के संबंध में अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष अपनी चिंताएँ दर्ज कराई हैं। डॉ. जयशंकर ने कहा कि 5 फरवरी की निर्वासन उड़ान के बाद से महिलाओं और बच्चों को बेड़ियों में जकड़ने का कोई मामला मंत्रालय के संज्ञान में नहीं लाया गया है। उन्होंने बताया कि निर्वासित लोगों द्वारा दिए गए बयानों और गवाही के आधार पर, केंद्र और संबंधित राज्य सरकारों ने कई मामले दर्ज किए हैं। उन्होंने कहा कि इन रैकेट को चलाने वाले कई अवैध आव्रजन एजेंटों, आपराधिक मददगारों और मानव तस्करी सिंडिकेट के खिलाफ जाँच और कार्रवाई जारी है।