विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने आज मनामा में भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग की चौथी बैठक की सह-अध्यक्षता की। अपने उद्घाटन भाषण के दौरान उन्होंने भारत-बहरीन सहयोग के बढ़ते दायरे पर प्रकाश डाला, जिसमें व्यापार, निवेश, रक्षा और समुद्री सुरक्षा शामिल है।
उन्होंने भारत और बहरीन के समाज के बीच शांति, सुरक्षा और विकास के लिए साझा प्रतिबद्धताओं से प्रेरित ऐतिहासिक और गहरे संबंधों को रेखांकित किया।
डॉक्टर जयशंकर ने बहरीन के साथ सहयोग बढ़ाने में भारत की प्राथमिकता की पुष्टि करते हुए कहा कि भारत अंतरिक्ष, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में बड़ी संभावनाएं देखता है।
विदेश मंत्री ने मनामा में मुख्यालय वाले संयुक्त समुद्री बलों में भारत के हाल में शामिल होने को, क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक कदम के रूप में उल्लेख किया। उन्होंने अंतरिक्ष, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और विज्ञान क्षेत्रों में नए अवसरों पर जोर दिया।
डॉक्टर जयशंकर ने बहरीन के निवेशकों का भारत में अवसरों की खोज करने के लिए स्वागत किया और भारतीय प्रवासियों के प्रति बहरीन के व्यवहार की सराहना की और इसे दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु बताया।
क्षेत्रीय मुद्दों का उल्लेख करते हुए विदेश मंत्री ने गाजा में चल रहे संघर्ष के संदर्भ में आतंकवाद के खिलाफ भारत के सैद्धांतिक रुख और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने शीघ्र युद्धविराम, बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता समय पर पहुंचाने का आह्वान किया।