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फ़रवरी 11, 2025 9:03 अपराह्न

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विदेश मंत्री डॉ0 एस0 जयशंकर ने भारत तथा फ्रांस के बीच साझा-मूल्‍यों का आह्वान किया

14वें भारत-फ्रांस मुख्‍यकार्यकारी अधिकारियों की बैठक में विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने डिजिटल युग में विश्‍वास और पारदर्शिता के महत्‍व पर बल दिया। उन्‍होंने भारत तथा फ्रांस के बीच साझा मूल्‍यों का आह्वान भी किया। पेरिस में एआई शिखर सम्‍मेलन से अलग उन्‍होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और साइबर सुरक्षा में सहयोग की व्‍यापक संभावनाओं का भी उल्‍लेख किया। डॉ. जयशंकर ने कहा कि वर्ष 2026 को भारत-फ्रांस के नवाचार वर्ष के रूप में नामित किया गया है।

 

उन्‍होंने न्‍यूनतम पूर्वाग्रह के साथ एआई विकास को आकार देने के प्रति एक बहुध्रुवीय विश्‍व की आवश्‍यकता का भी उल्‍लेख किया। श्री जयशंकर ने दोनों राष्‍ट्रों के बीच विविध उत्‍पादन, लचीली आपूर्ति श्रृंखला और गहरे कारोबारी सहयोग के महत्‍व पर भी बल दिया।

 

उन्‍होंने भारत की मुक्‍त व्‍यापार समझौते की वार्ता पर वैश्विक नेताओं से विचार करने का आग्रह किया। श्री जयशंकर ने भारत की स्‍वच्‍छ ऊर्जा परिवर्तन और रेलवे, हवाई अड्डों, राजमार्गों और बन्‍दरगाहों में तीव्र अवसंरचना विकास की भी बात कही। उन्‍होंने भारत तथा फ्रांस के बीच आर्थिक संबंधों के लिए परिवर्तनकारी संभावना के रूप में भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे का भी उल्‍लेख किया।    

 

    डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने आज कहा कि भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय संबंधों की परिपक्‍वता के कारण व्‍यापार की भूमिका में विस्‍तार हो रहा है। डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत और फ्रांस स्‍वतंत्र विचारधाराओं की परम्‍परा वाले दो राष्‍ट्र हैं।

 

उन्‍होंने कहा कि द्विपक्षीय संबंध विश्‍वास संचालित और मूल्‍यों पर आधारित हैं। श्री जयशंकर ने भारत और फ्रांस एक-दूसरे की स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। 

 

    डॉ. जयशंकर ने बताया कि भारत और फ्रांस विक्रेता-क्रेता के चरण से गहरे सहयोग की दिशा में आगे बढ रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि मेक इन इंडिया ने नई संभावनाओं का मार्ग प्रशस्‍त किया है।

 

उन्‍होंने कहा कि व्‍यापार तथा निवेश के मौजूदा स्‍तर वास्तविक संभावनाओं से काफी कम है। 

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