विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने आज शाम बिम्सटेक सम्मेलन के अवसर पर अलग से थाईलैंड और म्यांमा सहित अपने कुछ अन्य पड़ोसी देशों के विदेश मंत्रियों के साथ भी बैठक की। इसमें बिम्सटेक के भविष्य के लिए जरूरी कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर विशेष रूप से चर्चा की गई। इसके साथ ही सीमाओं पर शांति और मानवीय सहायताओं के विषय पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया गया। एक सोशल मीडिया पोस्ट पर डॉ. जयशंकर ने कहा कि साइबर अपराधों, मादक पदार्थों और अवैध हथियारों की तस्करी सहित अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटना तीनों देशों की साझा प्राथमिकता है और वे इसमें सहयोग जारी रखेंगे।
म्यांमा के विदेश मंत्री यू थान स्वे के साथ बैठक में डॉक्टर जयशंकर ने सीमा स्थिरता के संकट और विस्थापित व्यक्तियों की समस्या पर चिंता जाहिर की। उन्होंने मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी तथा विद्रोही समूहों के बारे में भी बात की। विदेश मंत्री ने साइबर अपराध करने वाले गिरोहों द्वारा अवैध रूप से हिरासत में लिए गए भारतीयों की शीघ्र वापसी के लिए भी म्यांमा पर दबाव बनाया। उन्होंने कहा कि भारत म्यांमा में लोकतंत्र की बहाली का समर्थन करता है।
डॉक्टर जयशंकर ने भूटान के विदेश मंत्री डीएन धुंग्येल से भी मुलाकात की और भारत तथा भूटान के बीच मित्रता और सद्भावनापूर्ण संबंधों को आगे बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की।
विदेश मंत्री ने नेपाल की विदेश मंत्री सेवा लमसल के साथ भारत-नेपाल सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। उन्होंने श्रीलंका के विदेश राज्य मंत्री थरका बालासूर्या से भी मुलाकात की और भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय साझेदारी पर चर्चा की।