केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद के दुबई कैंपस के उद्घाटन के साथ शिक्षा सहयोग के एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है। यह अमीरात में भारतीय विश्वविद्यालयों और स्कूलों की बढती उपस्थिति का परिचायक है।
दुबई में अपनी यात्रा के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में श्री प्रधान ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त 109 स्कूलों के अलावा मणिपाल विश्वविद्यालय, एमिटी विश्वविद्यालय और बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान – पिलानी और अंतरराष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान गाजियाबाद पहले से ही स्थापित कर दिये गये हैं। इनके माध्यम से भारतीय समुदाय के लोग शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत शिक्षा में साझेदारी को और सशक्त बनाने के लिए वचनबद्ध है। श्री प्रधान ने 2016 में शुरू किये गये अटल नवाचार मिशन के जरिए स्कूल स्तर के नवाचार पर भारत द्वारा ध्यान केंद्रित किये जाने की बात कही। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली- अबूधाबी कैंपस में विदेश में स्थित पहले अटल इन्क्यूबेशन सेंटर का शुभारंभ होने की घोषणा की। यह भारत के नवाचार तंत्र का विदेश में एक महत्वपूर्ण विस्तार का परिचायक है। श्री प्रधान ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के स्कूल प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अटल टिंकरिंग लैब मूवमेंट से स्वैच्छिक रूप से जुड चुके हैं।
आईआईटी दिल्ली- अबूधाबी की गतिविधियों को लेकर श्री प्रधान ने कहा कि संस्थान ने अब सतत ऊर्जा में एम टेक के अलावा कंप्यूटर साइंस और सतत ऊर्जा के मौजूदा पाठयक्रमों के अतिरिक्त केमिकल इंजीनियरिंग में अंडर ग्रेजुएट कार्यक्रम की शुरूआत की है। पीएचडी के 23 विद्यार्थियों की भी भर्ती की गई है। वे इस कैंपस में पूर्ण शैक्षणिक सत्र पूरा कर रहे हैं।
श्री प्रधान ने कहा कि भारतीय संस्थानों का विदेश में विस्तार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दृष्टिकोण को दर्शाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा संस्थानों का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का आह्वान किया गया है। भारत एक जीवंत अर्थव्यवस्था है जिसके बुनियादी ढांचे मजबूत हैं और इस तरह की शिक्षा साझेदारियां इसकी बढ़ती वैश्विक भूमिका को दर्शाती हैं।