उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि उभरता अफ्रीका और तेजी से बढता भारत दक्षिण-दक्षिण सहयोग को गति दे सकता है। आज नई दिल्ली में 19वें सीआईआई भारत-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि स्वच्छ प्रौद्योगिकी, जलवायु के अनुकूल कृषि, समुद्री सुरक्षा, सम्पर्क और समुद्री अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत-अफ्रीका सहयोग के लिए अपार अवसर हैं। उन्होंने कहा कि भारत अफ्रीका के साथ अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ा रहा है और देश में विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटलीकरण तेजी से हो रहा है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि अफ्रीकी संघ की प्राथमिकताओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए भारत क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और शैक्षिक अवसर भी प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और सबसे बड़े लोकतंत्र तथा एक गतिशील देश के रूप में भारत ने अफ्रीका के साथ मजबूत संबंध बनाये हैं।
Hon’ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar presided over the inaugural session of 19th CII India-Africa Business Conclave in New Delhi today. #IndiaAfricaConclave #IndiaAfrica @FollowCII @ITCCorpCom @TataCompanies @CB_CII pic.twitter.com/RDcjDtW7jb
— Vice-President of India (@VPIndia) August 21, 2024
श्री धनखड़ ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को इस समूह में शामिल करना भारत के लिए गौरव का क्षण और एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक घटनाक्रम था। उन्होंने कहा कि भारत-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव का विषय, ‘एक भविष्य का निर्माण’, भारतीय सभ्यता के लोकाचार में गहराई से अंतर्निहित है।
जिम्बाब्वे के उपराष्ट्रपति डॉ. सी.जी.डी.एन. चिवेंगा ने कहा कि भारत-अफ्रीका संबंधों को प्रगाढ बनाने के लिए एक मजबूत दृष्टिकोण जरूरी है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका ने भारत के लिए निवेश के अनेक अवसर प्रदान किए हैं। श्री चिवेंगा ने कहा कि भारत की तकनीकी शक्ति और अफ्रीका के समृद्ध खनिज संसाधन दोनों के लिए परस्पर लाभकारी हो सकते हैं।
मॉरीशस के उपराष्ट्रपति मैरी सिरिल एड्डी बोइसेज़ोन ने कहा कि मॉरीशस भारत की यूपीआई प्रणाली को अपनाने वाला पहला अफ्रीकी देश है और रूपे कार्ड जारी करने वाला पहला गैर-एशियाई देश है। उन्होंने कहा कि भारत-मॉरीशस द्विपक्षीय संबंधों में कृषि, शिक्षा और समुद्री सुरक्षा सहित अन्य क्षेत्र भी शामिल हैं।
लाइबेरिया के उपराष्ट्रपति जेरेमिया केपान कोंग ने कहा कि लाइबेरिया में विशेष रूप से पनबिजली परियोजनाओं और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि अफ्रीकी राष्ट्र परस्पर विकास, नवाचार को आगे बढ़ाने और समृद्ध भविष्य के निर्माण के लिए वैश्विक भागीदारों के साथ सहयोग करने के लिए उत्सुक है।
गाम्बिया के उपराष्ट्रपति मुहम्मद बी.एस. जालो ने कहा कि दोनों पक्ष नवीन विचारों और व्यापार अवसरों का पता लगाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि गाम्बिया नए व्यापार अवसरों को बढ़ावा देने और एक साथ प्रभावशाली संयुक्त उद्यम बनाने के लिए उत्सुक है।