सर्वोच्च न्यालय ने आज एक जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया, जिसमें राजनीतिक दलों को यौन उत्पीड़न विरोधी कानूनों के तहत शामिल करने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग राजनीतिक दलों पर कार्य-स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार यौन उत्पीड़न की शिकायतों से निपटने के लिए सक्षम प्राधिकारी होगा।
जनहित याचिका में बताया गया है कि राजनीतिक दलों में मानकीकृत आंतरिक शिकायत समितियों की कमी से यौन उत्पीड़न के मामलों की अनदेखी हो सकती है और इसको बढ़ावा मिल सकता है।