रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने कल तेज गति से उड़ते लड़ाकू विमान में पायलट की जान बचाने वाली निकासी प्रणाली का सफल परीक्षण किया है। इस कठिन परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिन्दा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास उन्नत स्वदेशी निकासी प्रणाली की क्षमता है।
यह परीक्षण एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के सहयोग से चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला के रेल ट्रैक रॉकेट स्लेज केंद्र में किया गया। इस अवसर पर वायु सेना और इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन एंड सर्टिफिकेशन के अधिकारी भी मौजूद रहे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण के लिए सभी संबंधित संस्थाओं और उद्योग जगत को बधाई दी है। उन्होंने इसे आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।