राज्यसभा में आज आम बजट 2025-26 पर फिर से चर्चा की शुरुआत हुई। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के भागवत कराड ने कहा कि सरकार द्वारा किये गये उपायों के कारण राजकोषीय घाटा शून्य दशमलव चार प्रतिशत तक कम हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रम लीकेज को रोकने में सहायक साबित हुआ है। इस कारण सरकारी खजाने की भी बचत हुई है।
इस चर्चा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आने वाले वर्षों में देश विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। उन्होंने कहा कि देश ने मूलभूत संरचना और अन्य क्षेत्रों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
भारतीय जनता पार्टी के अरुण सिंह ने कहा कि यह बजट देश के एक सौ चालीस करोड लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बजट गरीब समर्थक है। यह बजट किसानों की आय बढ़ाने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने में मददगार होगा।
श्री सिंह ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पहले खराब स्थिति में थी, लेकिन मौजूदा शासन में इसमें मजबूती आई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट में वृद्धि की है। रेलवे के लिए दो लाख 64 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटन किया गया है। यह यूपीए के शासनकाल के रेलवे बजट से छह गुना अधिक है। भाजपा सदस्य ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए लगभग एक लाख 37 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
केन्द्रीय बजट को लेकर निर्दलीय सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि जब बड़ी संख्या में प्रौद्योगिकियां उभर रही हों ऐसे में सरकार शिक्षा क्षेत्र की अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा कर सकती थी। विकसित भारत अर्थात शिक्षित भारत का उल्लेख करते हुए उन्होंने शिक्षा के लिए बजट में सिर्फ सात प्रतिशत की वृद्धि किए जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त की।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर उचित ध्यान नहीं दिया है। श्री सिब्बल ने सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को प्रतिस्पर्धी और नवाचारी बनाये जाने, विशेष कर भारत को एक विनिर्माण अर्थव्यवस्था बनाने के उपायों, पर भी प्रश्न उठाये।
उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण योगदान गिरकर 12 दशमलव नौ प्रतिशत पर आ गया है। कांग्रेस के चन्द्रकांत हंडोरे ने कहा कि देश में 70 प्रतिशत लोगों के लिए लाई गई कल्याणकारी योजनाएं जमीनी स्तर पर पूरी तरह लागू नहीं हो पा रही हैं। पार्टी के एक अन्य सदस्य अशोक सिंह ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार की आर्थिक नीति गरीबों के लिए न होकर सिर्फ अमीरों के लिए है। उन्होंने आरोप लगाया कि मेक इन इंडिया सिर्फ एक पब्लिसिटी स्टंट है।
तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन ने 12 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट दिए जाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि 10 हजार से 20 हजार रुपये के बीच की आय वाले देश के 90 प्रतिशत लोगों के लिए कुछ नहीं किया गया है। उन्होंने पेट्रोल और अन्य उत्पादों पर अप्रत्यक्ष करों को कम करने की मांग की।
श्रीमती डोला सेन ने आरोप लगाया कि पेट्रोलियम और रसोई गैस की कीमतें बढ रही हैं लेकिन बजट में इस पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि कई योजनाओं के लिए बजट आवंटन में कटौती की गई है, जिससे घरेलू बचत में कमी आ गई है।
समाजवादी पार्टी की जया बच्चन ने भी इस बजट की आलोचना की। उन्होंने दृश्य श्रव्य उद्योग पर कर लगाये गये कर पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। एक अन्य सदस्य सुधा मूर्ति ने भी बजट पर अपनी बात रखी। चर्चा जारी है।