नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय क्षेत्रीय मुक्त डिजिटल स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन 2025 ने सतत वित्तपोषण, क्षेत्रीय सहयोग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता-सक्षम की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस शिखर सम्मेलन ने सामूहिक रूप से एक संदेश दिया है कि डिजिटल स्वास्थ्य परिवर्तन केवल एक तकनीक नहीं है बल्कि एक मूलभूत यात्रा है जिसके लिए मानकों, शासन, अंतर-संचालन और गहन समावेशन की आवश्यकता है। कार्यक्रम के अंतिम दिन को संबोधित करते हुए मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव, अभिषेक सिंह ने आज एक सुरक्षित, समावेशी और विश्व स्तर पर एआई-सक्षम स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण का आह्वान किया।
शिखर सम्मेलन के दौरान डिजिटल स्वास्थ्य परिवर्तन के लिए एक स्थायी मॉडल भी एक महत्वपूर्ण शर्त के रूप में उभरा, विशेष रूप से सिकुड़ते राजकोषीय दायरे, बढ़ती स्वास्थ्य लागत और घटती वैश्विक सहायता प्रवाह के संदर्भ में। इसके साथ ही, भारत, बांग्लादेश, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका, भूटान, थाईलैंड और तिमोर-लेस्ते ने खंडित वित्तपोषण चैनल, दाता निर्भरता और अपर्याप्त दीर्घकालिक बजट जैसी साझा चुनौतियों को सूचीबद्ध किया। शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में विश्व स्वास्थ्य संगठन-दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय के डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्रीय सलाहकार, डॉ. कार्तिक अदापा ने एक मजबूत डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली के आवश्यक घटकों पर प्रकाश डाला।
Site Admin | नवम्बर 22, 2025 9:21 अपराह्न | Digital Health Summit 2025
नई दिल्ली में डिजिटल स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन 2025 का समापन, एआई-सक्षम स्वास्थ्य प्रणाली पर जोर