पूर्वी लद्दाख के हैनली में परमाणु ऊर्जा विभाग ने मेजर एटमॉस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरिमेंट – एमएसीई वेधशाला स्थापित की है। ये भारत की स्थिति को मल्टी-मैसेंजर खगोलीय विज्ञान के क्षेत्र में मजबूती प्रदान करेगी। एमएसीई टेलीस्कोप उच्चतम ऊर्जा वाली गामा किरणें जैसे ब्लैक होल, सुपरनोवा और गामा-किरणें विस्फोटक का निरीक्षण करेगी। यह नव स्थापित वेधशाला वैश्विक वेधशालाओं के पूरक के रूप में साबित होगी।
एमएसीई एशिया में सबसे बड़ा इमेजिंग चेरेनकोव टेलीस्कोप माना जाता है। ये चार हजार 300 मीटर की ऊंचाई पर होने के कारण दुनिया में सबसे ऊंचा है। इसे भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र द्वारा भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से से बनाया गया है।