दिल्ली की एक अदालत ने आज भाजपा नेता और दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ शहर के उत्तरपूर्वी हिस्से में 2020 में हुए दंगों में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने और आगे की जांच करने का निर्देश दिया।
राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने शिकायतकर्ता की अर्जी मंजूर कर ली, जिसने दिल्ली के मंत्री के साथ-साथ दयालपुर थाने के तत्कालीन स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) और पांच अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी।
याचिका मंजूर करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि शिकायत में उल्लिखित घटनाओं में से एक के संबंध में श्री मिश्रा के खिलाफ संज्ञेय अपराध पाया गया है। फरवरी में, दिल्ली पुलिस ने प्रस्तुत किया था कि भाजपा नेता को मामले में फंसाया जा रहा है और 2020 के दंगों में उनकी कोई भूमिका नहीं है।