अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग सप्ताह के अवसर पर आज नई दिल्ली में दिव्यांग बच्चों के लिए कला और शिल्प कार्यशाला का चौथा संस्करण आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम स्पेशल ओलंपिक्स भारत और राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय-एनजीएमए के सहयोग से हुआ। हमारे संवाददाता ने बताया है कि सृजन नाम के इस कार्यक्रम का उद्देश्य दिव्यांग कलाकारों को रचनात्मक अभिव्यक्ति, कौशल विकास और विभिन्न कला रूपों का प्रशिक्षण प्रदान करना था।
हर वर्ष 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य दिव्यांगता से जुड़े मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और दिव्यांग व्यक्तियों के सम्मान, अधिकारों और कल्याण के लिए समर्थन जुटाना है। इस कार्यशाला में दिव्यांग बच्चों को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने प्रतिभागियों की कला व प्रतिभा की सराहना की। उन्होंने कहा कि सृजन जैसे कार्यक्रम एक समावेशी और सशक्त समाज के निर्माण में सामूहिक जिम्मेदारी को मजबूत करते हैं।
इस अवसर पर स्पेशल ओलंपिक भारत की अध्यक्ष मल्लिका नड्डा ने कहा कि इस कार्यक्रम में आये दिव्यांग कलाकार दृढ़ता, कल्पनाशीलता और उत्कृष्टता के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि यह एक कार्यशाला नहीं बल्कि एक ऐसा आंदोलन है जो हर व्यक्ति को उसकी क्षमताओं के लिए सम्मानित और प्रोत्साहित करने का मार्ग प्रशस्त करता है।
इसके अलावा एनजीएमए के महानिदेशक डॉक्टर संजीव किशोर गौतम ने बताया कि दिव्यांगजनों को कला, संस्कृति से जोड़ना और आने वाले समाज के साथ मुख्य धारा में उनको लाना संस्थान के लिए एक गर्व का विषय है।
सृजन कार्यक्रम में कुछ दिव्यांग बच्चों का चयन किया जाएगा जिन्हें लगभग दो महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसके बाद उनकी चित्रकलाओं की एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जायेगी। सक़लैन अख्तर और अमन यादव के साथ प्रादेशिक समाचार के लिए आदर्श।