मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने वीडियो क्राफेंस के माध्यम से जिला आयुक्तों के साथ बाढ़ की स्थिति के साथ समीक्षा और उन्हें राहत और बचाव कार्य के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जिला आयुक्तों को बाढ़ से प्रभावित लोगों के सर्वेक्षण का निर्देश दिया ताकि 15 अगस्त से पहले मुआवजा दिया जा सके। मुख्यमंत्री ने कामरूप जिले के कई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी किया और स्थिति का जायजा लिया। बाढ़ से विश्व धरोहर स्थल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की 178 वन चौकी जलमग्न हो गई है। यहां के जानवर पास की पहाड़ियों में पलायन कर गए हैं। जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काजीरंगा उद्यान के अधिकारियों ने यातायात मार्ग में परिवर्तन किया है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान मार्ग की ओर भारी वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।
ब्रह्मपुत्र, बराक और उसकी सभी सहायक नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं जबकि बुरहीडीहिंग नदी बाढ़ के उच्चतम स्तर को पार कर गई है। पिछले 24 घंटों के दौरान बाढ़ से 100 सड़कें, 11 तटबंध और 14 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं।
राज्य सरकार ने 181 राहत शिविर और 334 राहत सहायता वितरण केंद्र स्थापित किए हैं। बचाव और राहत कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल की टीमों को भी तैनात किया गया है।