केंद्र ने कच्चे सूरजमुखी, सोयाबीन और ताड़ के तेल सहित कच्चे खाद्य तेल पर सीमा शुल्क को 20 प्रतिशत से कम कर 10 प्रतिशत कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों के बीच आयात शुल्क अंतर 8 दशमलव सात-पांच प्रतिशत से 19 दशमलव दो-पांच प्रतिशत हो गया है।
उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि इसका उद्देश्य खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों को कम करना, उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करना और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना है। इससे घरेलू रफाइनिंग को प्रोत्साहन और किसानों को उचित मूल्य मिलेगा।
मंत्रालय ने खाद्य तेल संघों और उद्योग को कीमतों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने को कहा है।