सरकार ने आज सरकार द्वारा दो हजार रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर जीएसटी लगाने की दावेदारी को पूरी तरह से झूठा, भ्रामक और निराधार बताया है। एक वक्तव्य में वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया की सरकार का फिलहाल इस तरह के प्रस्ताव का कोई विचार नहीं है।
इसमें कहा गया है कि जीएसटी केवल मर्चेंट डिस्काउंट रेट-एमडीआर जैसे शुल्कों पर लगाया जाता है, जो कुछ उपकरणों का उपयोग करके किए गए भुगतान से संबंधित होते हैं।
मंत्रालय ने कहा की जनवरी 2020 से प्रभावी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड-सीबीडीटी ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से व्यक्ति द्वारा व्यापारी को किये गये यूपीआई लेन-देन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट-एमडीआर को हटा दिया है।
इस तरह वर्तमान में यूपीआई से लेन-देन पर कोई एमडीआर नहीं लगाया जाता है और इन लेन-देनों पर जीएसटी भी नहीं लगाया जाता है। वित्त मंत्रालय ने बताया कि सरकार यूपीआई के जरिये डिजीटल भुगतान को बढावा देने के प्रति बचनबद्ध है।
यूपीआई के विकास को समर्थन देने और कायम रखने के लिए वित्त वर्ष 2021-22 से प्रोत्साहन योजना लागू की गई है।