बॉम्बे उच्च न्यायालय ने दिग्गज पार्श्व गायिका आशा भोसले की विरासत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म द्वारा अनधिकृत उपयोग से बचाने के लिए कदम उठाया है। अदालत ने दिग्गज गायिका को अंतरिम राहत प्रदान की, जिससे एआई कंपनियों, ऑनलाइन मार्केटप्लेस और डिजिटल विक्रेताओं को उनकी आवाज की क्लोनिंग करने या उनकी छवि, समानता और पहचान का उनकी अनुमति के बिना दुरुपयोग करने से प्रभावी रूप से रोक दिया गया।
90 वर्षीय संगीत आइकन ने कई अपराधियों के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इनमें मेक इंक भी शामिल था। यह एक एआई कंपनी है, जो कथित तौर पर उनकी समानता के वॉयस क्लोन पेश कर रही थी। उनकी याचिका ने इस गंभीर चिंता को उजागर किया कि इस तरह के एआई-संचालित दुरुपयोग से उनकी प्रतिष्ठा और साख धूमिल होती है जिसे उन्होंने वर्षों से कड़ी मेहनत से बनाया है।
न्यायमूर्ति आरिफ एस डॉक्टर ने अपने आदेश में भोसले के पक्ष में फैसला सुनाया। इस फैसले में कहा गया कि सुविधा का संतुलन पूरी तरह से गायिका के पास है।