भारत ने आगाह किया है कि जो देश जलवायु परिवर्तन की समस्या के लिए कम जिम्मेदार हैं, उन पर इसके शमन का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए। ब्राजील में जलवायु परिवर्तन के बारे में संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के पक्षकारों के 30वें सम्मेलन के समापन सत्र के उच्च स्तरीय वक्तव्य में भारत ने, जलवायु परिवर्तन के बढ़ते दुष्प्रभाव से विशेषकर, ग्लोबल साउथ के देशों की कमजोर आबादी की रक्षा करने के लिए वैश्विक समर्थन का आहवान किया।
भारत ने जलवायु वित्त प्रदान करने के लिए विकसित देशों के निर्णय की सराहना की है। भारत ने न्यायोचित परिवर्तन तंत्र की स्थापना की भी सराहना की है। यह वैश्विक और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर समानता और जलवायु न्याय को परिचालित करने में सहायक होगा। विज्ञान आधारित और समान जलवायु कार्रवाई के प्रति अपनी वचनबद्धता पर बल देते हुए भारत ने कहा कि सभी पक्षकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जलवायु महत्वाकांक्षा समावेशी, न्यायसंगत और समतामूलक है।