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नवम्बर 25, 2024 7:47 अपराह्न

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ग्‍लोबल-साउथ के देशों को विकास हासिल करने में सहायक हो सकता है सहकारी-क्षेत्रः प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज सहकारिता क्षेत्र को जलवायु अनुकूल बनाने के महत्‍व पर बल दिया। उन्‍होंने कहा कि इन समितियों को चक्रीय अर्थव्‍यवस्‍था से जोड़ा जाना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि सहकारी क्षेत्र विशेषकर ग्‍लोबल साउथ के देशों को विकास हासिल करने में सहायक हो सकता है।

 

नई दिल्‍ली के भारत मंडपम में आईसीए वैश्विक सहकारी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए श्री मोदी ने सहकारी क्षेत्र में स्‍टार्ट-अप्‍स को बढ़ावा देने की तत्‍काल आवश्‍यकता पर बल दिया।

 

    प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज कहा कि भारत के भावी विकास में सहकारी समितियां एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आई.सी.ए. वैश्विक सहकारी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि सहकारिता केवल एक मॉडल नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति की नींव है।

 

श्री मोदी ने कहा कि भारत में सहकारी समितियां एक विचार से एक आंदोलन में बदल गई, जिसने एक क्रांति का रूप लिया और इस क्रांति से देश का सशक्तिकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत सहकार से समृद्धि के मंत्र का पालन कर रहा है।

 

    प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सहकारी बैंकों में 12 लाख करोड रूपये जमा हैं। उन्‍होंने कहा कि सहकारी बैंको को सशक्‍त बनाने और सरकार में लोगों का विश्‍वास बढ़ाने के लिए कई सुधार किए गए हैं। श्री मोदी ने बताया कि पहले ये बैंक भारतीय रिजर्व बैंक-आरबीआई  के कार्यक्षेत्र के बाहर थे लेकिन उनकी सरकार ने उन्‍हें आरबीआई के दायरे में लाया। उन्‍होंने कहा कि जमा राशि पर बीमा कवर प्रति जमाकर्ता पांच लाख रूपये तक बढ़ा दिया गया है।

 

    इस अवसर पर सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकारी क्षेत्र को सशक्‍त बनाने के लिए पिछले तीन वर्षो में सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इस कारण भारत सहकारी क्षेत्र में एक विश्‍व मित्र के रूप उभरकर सामने आया है।

 

उन्‍होंने कहा कि सहकारी नेटवर्क का विस्‍तार करके एक नए आर्थिक मॉडल को बेहतर और अधिक सुदृढ भविष्‍य निर्मित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप आकार दिया जा रहा है। श्री शाह ने कहा कि सरकार ने सरकारी क्षेत्र को सशक्‍त और सुदृढ़ बनाने के लिए 60 से अधिक पहल की है।

 

    इस कार्यक्रम में भागीदारी कर रहे भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे ने कहा कि सहकारी समितियों ने इन वर्षो में उल्‍लेखनीय सफलता हासिल की है। उन्‍होंने कहा है कि सहकारिता क्षेत्र ने आर्थिक समावेशन को बढावा देते हुए और स्‍थानीय अर्थव्‍यवस्‍थाओं को प्रोत्‍साहित करके लाखों लोगों को आवश्‍यक सेवाएं प्रदान करके उन्‍हें सशक्‍त बनाया है।

 

श्री तोबगे ने कहा कि सहकारी समितियों ने विशेषकर गरीबों को निर्धनता से मुक्ति दिलाई है।

 

    इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने अंतर्राष्‍ट्रीय सहकारी वर्ष 2025 पर एक स्‍मारक डाक टिकट जारी किया। इस सम्‍मेलन में फिजी के उप प्रधानमंत्री, मनोआ कामिकामिका भी शामिल हुए।

 

    अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन- आईसीए के 130 साल के इतिहास में भारत में पहली बार वैश्विक सहकारिता सम्मेलन और महासभा का आयोजन किया जा रहा है। 1895 में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन, दुनिया भर के 30 लाख सहकारिता उद्यम संस्‍थानों का प्रतिनिधित्व करता है। इस गठबंधन के एक अरब से अधिक सहकारी सदस्य हैं।

 

भारत मंडपम के पांच दिवसीय सम्‍मेलन में कार्यक्रमों और चर्चाओं की एक श्रृखंला में विश्‍वभर की सहकारी समितियां एक मंच पर एकत्र होंगी। इस कार्यक्रम में लगभग तीन हजार विदेशी और भारतीय प्रतिनिधियों के शामिल होने की आशा की जा रही है।

 

यह सम्‍मेलन समेकित, शान्तिपूर्ण और सभी के लिए समृद्ध भविष्‍य निर्मित करने में सहकारी समितियों की भूमिका तलाशेगा। इस सम्‍मेलन का विषय सहकारिता से सभी के लिए समृद्धि का निर्माण है।