चीन ने अपने महत्वपूर्ण खनिजों के निर्यात को नियंत्रित करने के लिए नियम कड़े कर दिए हैं, जिससे सैन्य और अर्धचालक अनुप्रयोगों के लिए आवश्यक दुर्लभ धातुओं के साथ-साथ उनके उत्पादन तकनीकों के विदेशी उपयोग पर भी प्रतिबंध लग गया है। नए नियमों के तहत, दुर्लभ धातुओं के खनन के साथ-साथ चुंबक निर्माण में प्रयुक्त तकनीकों के निर्यात के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होगी। चीन की वस्तुओं की खरीद के लिए इच्छुक विदेशी कंपनियों को भी लाइसेंस प्राप्त करना होगा।
पेईचिंग और वाशिंगटन के बीच व्यापार और शुल्कों पर चल रही बातचीत में दुर्लभ धातु निर्यात एक बाधा बन रही है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के इस महीने के अंत में मिलने की उम्मीद है। इनमें से कई तकनीकों पर पहले से ही प्रतिबंध हैं। चीन ने अप्रैल में कई दुर्लभ धातु और संबंधित सामग्रियों को अपनी निर्यात नियंत्रण सूची में शामिल किया था लेकिन अब नई घोषणा के अनुसार हथियार निर्माताओं और चिप उद्योग की कुछ कंपनियों को लाइसेंस जारी किए जाने की फिलहाल कोई संभावना नही है।