दिसम्बर 4, 2025 5:42 अपराह्न | Chairman's strict decision

printer

नियम 267 पर सभापति का सख्त फैसला: सूचीबद्ध एजेंडे से बाहर नोटिस अमान्य

केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक, 2025 को राज्यसभा में प्रस्‍तुत किया गया है। प्रस्तावित कानून का उद्देश्य केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 में संशोधन करना है। इसमें विशेष रूप से सिगरेट, सिगार, हुक्का तंबाकू, चबाने वाले तंबाकू, ज़र्दा और सुगंधित तंबाकू जैसे तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क और उपकर बढ़ाने संबंधी संशोधन किए गए हैं। विधेयक का उद्देश्य अनिर्मित तंबाकू, निर्मित तंबाकू, तंबाकू उत्पादों और तंबाकू के विकल्पों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क बढ़ाना है। केन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 के तहत प्रति हजार सिगरेट पर 200 रुपये से 735 रुपये तक उत्पाद शुल्क लगाया जाता है जबकि, विधेयक के तहत बढ़ा हुआ शुल्क प्रति हजार सिगरेट पर 27 सौ रुपये से 11 हजार रुपये तक है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने विधेयक सदन में पेश किया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।
विधेयक में निर्मित तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने का भी प्रावधान है। चबाने वाले तंबाकू पर शुल्क 25 प्रतिशत से बढ़कर शत प्रतिशत हो जाएगा। हुक्का पर शुल्क 25 प्रतिशत से बढ़कर 40 प्रतिशत और पाइप तथा सिगरेट के धूम्रपान मिश्रण पर शुल्क 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 325 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।
चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विधेयक से तंबाकू किसानों को नुकसान होगा। तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि कर बढ़ाने से लोग तंबाकू उत्पादों के सेवन से हतोत्साहित नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार मशहूर हस्तियों द्वारा पान मसाला के विज्ञापनों पर नियंत्रण के लिए कोई कदम नहीं उठा रही। आम आदमी पार्टी के संदीप कुमार पाठक ने कहा कि अत्यधिक कर लगाने से तंबाकू के उपयोग पर रोक लगाने से समस्‍या का समाधान नहीं मिलेगा। अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई ने कहा कि यह विधेयक जन स्वास्थ्य की रक्षा और राजस्व स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य से एक समयोचित और आवश्यक सुधार है।