केंद्र ने आज राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के अंतर्गत मानक और नियामक ढांचे के विकास के लिए परीक्षण सुविधाओं, अवसंरचना और संस्थागत समर्थन के वित्तपोषण के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बताया कि यह योजना वित्त वर्ष 2025-26 तक दो सौ करोड़ रुपये के कुल बजट आवंटन के साथ कार्यान्वित की जाएगी। इस योजना को राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान कार्यान्वित करेगा। यह योजना हरित हाइड्रोजन और उसके डेरिवेटिव की मूल्य श्रृंखला में घटकों, प्रौद्योगिकियों और प्रक्रियाओं के लिए मौजूदा परीक्षण सुविधाओं में अंतराल की पहचान में सहायता करेगी। मंत्रालय ने बताया कि यह योजना सुरक्षित परिचालन सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा परीक्षण सुविधाओं के अद्यतन और नई परीक्षण सुविधाओं के सृजन में सहायक होगी। यह योजना हरित हाइड्रोजन-2 के उत्पादन और व्यापार में गुणवत्ता, संधारणीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मजबूत गुणवत्ता और प्रदर्शन परीक्षण सुविधाओं के विकास को सम्मिलित करती है।
हमारे संवाददाता ने बताया कि राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का शुभारंभ वित्त वर्ष 2029-30 तक 19 हजार सात सौ करोड रुपये से अधिक के आवंटन के साथ पिछले वर्ष चार जनवरी को किया गया था। यह योजना स्वच्छ ऊर्जा के जरिए आत्मनिर्भर बनने में भारत के लक्ष्य में योगदान करेगी। यह योजना वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के लिए एक प्रेरणा के रूप में भी कार्य करेगी।