प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ पी.के. मिश्रा की अध्यक्षता में कल एक बैठक हुई जिसमें देश में मंकीपॉक्स से निपटने की तैयारियों तथा जन स्वास्थ्य उपायों की स्थिति की समीक्षा की गई। इस अवसर पर श्री मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंकीपॉक्स की स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं।
प्रधान सचिव ने राज्यों से इस बीमारी का तत्काल पता लगाने के प्रभावी उपाय करने और इसकी निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने इस काम के लिए प्रयोगशालाओं का नेटवर्क बढ़ाने के भी निर्देश दिए। फिलहाल देश में मंकीपॉक्स की जांच के लिए 32 प्रयोगशालाएं हैं। डॉक्टर मिश्रा ने कहा कि इस बीमारी के इलाज और रोकथाम के उपायों का व्यापक स्तर पर प्रचार किया जाना चाहिए। उन्होंने मंकीपॉक्स के लक्षण और रोकथाम के उपायों के बारे में स्वास्थ्यकर्मियों के बीच जागरुकता बढ़ाने पर भी बल दिया।
देश में फिलहाल मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है और इसके व्यापक स्तर पर फैलने का जोखिम भी कम है। मंकीपॉक्स का संक्रमण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक रहता है। सामान्य देखभाल और उपचार से मरीज स्वस्थ हो जाता है। लंबे समय तक संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में रहने से मंकीपॉक्स का संक्रमण होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन-डब्ल्यूएचओ ने अफ्रीका के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर मंकीपॉक्स के संक्रमण को देखते हुए 14 अगस्त को इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्वास्थ्य आपदा घोषित किया था। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, वर्ष 2022 से अब तक 116 देशों में मंकीपॉक्स से 99 हजार से अधिक लोगों के संक्रमित होने और इसके कारण 208 लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है।