राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के बारे में कथित असंसदीय टिप्पणी पर समाजवादी पार्टी की जया बच्चन के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया है। सदन के नेता जेपी नड्डा ने ये प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष की टिप्पणियां असंसदीय और बेहद आपत्तिजनक थीं। श्री धनखड़ ने जया बच्चन की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि किसी को भी सभापति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उनकी आपत्ति विशेष रूप से जया बच्चन की सभापति के लहजे, भाषा और स्वभाव को लेकर की गई टिप्पणियों पर थी।
सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी जया बच्चन की टिप्पणियों पर आपत्ति जताई। हंगामे के बीच विपक्षी सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए। इसके बाद कई सदस्यों और केंद्रीय मंत्रियों ने विपक्ष की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वे सदन और सभापति की मर्यादा को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। आज प्रश्नकाल नहीं हुआ और इस मुद्दे पर सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित की गई। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विपक्ष का आचरण अस्वीकार्य है और उन्हें सभापति से माफी मांगनी चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) नेता एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि सदन के सदस्यों को सभापति के फैसले और अपील का सम्मान करना चाहिए।
कौशल विकास राज्यमंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि सभापति के फैसले का पालन करना प्रत्येक सदस्य का कर्तव्य है और बार-बार इसका उल्लंघन करने वाले सदस्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। जनता दल (यूनाइटेड) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने विपक्षी सदस्य द्वारा सभापति को “सहयोगी” कहे जाने को बेहद अपमानजनक बताया और जया बच्चन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने इस घटना को ”काला दिन” बताया और विपक्ष से माफी की मांग की। भारत राष्ट्र समिति के सदस्य के आर सुरेश रेड्डी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी सभापति पर की गई टिप्पणियों की निंदा की।
शून्यकाल पूरा होने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ भाजपा के घनश्याम तिवारी की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी पर बयान दे रहे थे। इस दौरान समाजवादी पार्टी की जया बच्चन ने सभापति के बारे में टिप्पणी की। श्री धनखड़ ने इन टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि उनका आचरण सदन की मर्यादा के खिलाफ था।