केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने कोचिंग संस्थान श्रीराम्स आईएएस पर यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2022 के परिणामों के संबंध में फर्जी और भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने पर तीन लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा है कि यह निर्णय उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए लिया गया है। इससे वस्तु या सेवा के बारे में फर्जी या भ्रामक विज्ञापन रोकने में मदद मिलेगी।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों के उल्लंघन के संदर्भ में सीसीपीए की प्रमुख मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त अनुपम मिश्रा ने श्रीराम्स आईएएस के भ्रामक विज्ञापन को तत्काल प्रभाव से रोकने के आदेश दिए हैं। श्रीराम्स आईएएस ने विज्ञापन में दावा किया था कि संस्थान से 200 से अधिक प्रत्याशियों का चयन हुआ है जबकि यह संख्या 171 थी।
मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे फर्जी और भ्रामक विज्ञापनों का यूपीएससी के अभ्यर्थियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। इस विज्ञापन से उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन हुआ और सेवा व्यवहार में अनुचित तरीके अपनाए गए।