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अप्रैल 4, 2025 4:32 अपराह्न

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संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्‍थगित

संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही आज अनिश्चितकाल के लिए स्‍थगित कर दी गई है। इसके साथ ही संसद का बजट सत्र समाप्त हो गया जो इस वर्ष 31 जनवरी को शुरू हुआ था।

 

    अपने समापन भाषण में लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला ने बताया कि बजट सत्र के दौरान सदन में 118 प्रतिशत उत्‍पादकता दर्ज की गई। उन्‍होंने कहा कि राज्‍यसभा में 16 विधेयक पारित किये गए।

 

    इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राज्‍यसभा में वक्‍फ संशोधन विधेयक 2025 पर 17 घंटे से अधिक चर्चा हुई। श्री रिजिजू ने कहा कि किसी विधेयक पर चर्चा की सदन में यह सर्वाधिक समयावधि है। उन्‍होंने कहा कि लोकसभा में भी विधेयक पर लगभग 14 घंटे तक चर्चा हुई। उन्‍होंने कांग्रेस की वरिष्‍ठ नेता सोनिया गांधी पर सदन में विधेयक का विरोध करने पर निशाना साधा।

 

लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस नेता की टिप्‍पणियों को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताते हुए कहा कि विधेयक संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत लाया गया। श्री बिरला ने कहा कि किसी सांसद द्वारा ऐसी टिप्‍पणियां करना संसदीय मार्यादा के खिलाफ है।

 

    सुबह, अमरीका द्वारा भारत पर लगाए गए जवाबी शुल्क के मुद्दे पर विपक्षी दलों के हंगामे के बाद लोकसभा को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस, डीएमके और अन्य दलों के सदस्‍यों ने नारेबाजी शुरू कर दी और कुछ सदस्य इस मुद्दे को लेकर सदन के बीचोंबीच आ गए।

 

दूसरी ओर, सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से उनके इस बयान के लिए माफी की मांग की कि वक्फ संशोधन विधेयक संविधान पर हमला है। हंगामे के बीच, अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। राज्यसभा में जब सदन दोपहर 1 बजे दूसरे स्थगन के बाद फिर शुरू हुआ, तो सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया। अपने समापन भाषण में, सभापति ने कहा, सदन में 119 प्रतिशत उत्पादकता देखी गई।

 

     इससे पहले सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई। पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने लोकसभा में हंगामा किया। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भाजपा के लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने पश्चिम बंगाल में 25 हजार शिक्षकों की बर्खास्तगी को बरकरार रखने के सर्वोच्‍च न्‍यायालय के फैसले का हवाला दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षकों की भर्ती के दौरान आरक्षण नीति और अन्य मानदंडों का पालन नहीं किया गया।