संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का अपमान करने के विपक्ष के आरोपों के कारण हुए हंगामे के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा की कार्यवाही जब स्थगन के बाद दोपहर दो बजे फिर शुरू हुई तो पीठासीन अधिकारी ने विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों द्वारा दिए गए स्थगन नोटिस की अनुमति नहीं दी। विपक्षी दलों के सांसद श्री शाह द्वारा की गई टिप्पणी के विरूद्ध उनके माफी मांगने को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच काफी तर्क-वितर्क हुए। इस बीच, पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, सदन की कार्यवाही जब शुरू हुई तो कांग्रेस, डीएमके और वामपंथी दलों सहित विपक्षी दलों ने श्री शाह की टिप्पणी के विरूद्ध नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्षी सांसद सदन के बीचों-बीच आ गए। संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सत्तापक्ष के अन्य सांसदों ने विपक्षी दलों के व्यवहार को लेकर आपत्ति जताई। श्री मेघवाल ने आरोप लगाया कि राजनीतिक हित के कारण कांग्रेस डॉक्टर अंबेडकर को सम्मान देने के लिए बाध्य हैं। इस बीच, अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा की कार्यवाही में भी इसी प्रकार के मुद्दे हावी रहे। जब सदन की कार्यवाही स्थगन के बाद दोपहर दो बजे शुरू हुई तो विपक्षी सांसदों ने बाबासाहेब पर गृहमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी के विरूद्ध नारेबाजी शुरू कर दी। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने नारेबाजी करने वाले सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने की अनुमति देने का आग्रह किया। उन्होंने सूचीबद्ध विधेयकों को चर्चा के लिए उठाया लेकिन सांसदों का हंगामा जारी रहा। श्री रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस ने विगत में बाबासाहेब का किस तरह अपमान किया था इसका विवरण कल श्री शाह ने अपनी टिप्पणी में दिया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में श्री शाह के भाषण के एक छोटे अंश को तोड-मरोडकर पेश किया जा रहा है।
इसी तरह का विचार व्यक्त करते हुए सदन के नेता जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि कांग्रेस श्री शाह द्वारा की गई टिप्पणी पर सदन को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अपनी टिप्पणी में श्री शाह ने बताया कि कांग्रेस ने किस तरह डॉक्टर आंबेडकर का अनादर किया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने आरोप को दोहराते हुए कहा कि श्री शाह ने डॉक्टर आंबेडकर का अपमान किया। उन्होंने सरकार पर अनुसूचित जाति और जनजाति समुदायों के विरूद्ध होने का आरोप लगाया। कांग्रेस के एक अन्य नेता प्रमोद तिवारी ने भी श्री शाह पर अपनी टिप्पणी के जरिए महान नेता को अपमानित करने का आरोप लगाया। इस शोर-शराबे के बीच सभापति जगदीप धनखड ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
सुबह जब, सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस, डीएमके, राष्ट्रीय जनता दल और अन्य दलों के सदस्यों ने केंद्रीय गृहमंत्री की टिप्पणी को लेकर शोर-शराबा शुरू कर दिया। अध्यक्ष ने कहा कि भीमराव अंबेडकर काफी सम्मानित व्यक्तित्व हैं और वे सभी के लिए अनुकरणीय है।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि श्री शाह ने कल अपने भाषण के दौरान डॉक्टर अंबेडकर के प्रति काफी सम्मान दिखाया। इस हंगामे के बीच सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।