बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट का अपीलीय संभाग आज राष्ट्रीय चुनाव कराने के लिए कार्यवाहक सरकार पद्धति को फिर से शुरू करने की मांग वाली अपीलों पर बहुप्रतीक्षित फ़ैसला सुनाएगा। मुख्य न्यायाधीश सैयद रिफ़ात अहमद की अगुवाई वाली सात सदस्यीय खंडपीठ ने 11 नवंबर को सुनवाई पूरी की और फ़ैसले के लिए 20 नवंबर की तारीख निर्धारित की है।
कार्यवाही के दौरान, अपीलकर्ताओं, याचिकाकर्ताओं और राज्य के वकीलों ने कोर्ट से 2011 के उस फैसले को पलटने की अपील की, जिसने कार्यवाहक प्रणाली को रद्द किया था। पुनरीक्षा याचिका पिछले साल BNP, जमात-ए-इस्लामी, फ्रीडम फाइटर मोफ़ज़्ज़ल इस्लाम समेत कई नागरिकों और दो अधिकार संगठनों ने दायर की थी।
उन्होंने उस समय के मुख्य न्यायाधीश एबीएम खैरुल हक की अगुवाई वाली पिछली बेंच के 2011 के फैसले को चुनौती दी, जिसने 1996 में कार्यवाहक सरकार प्रणाली शुरू करने वाले 13वें संशोधन को रद्द कर दिया था। 2011 के फैसले के बाद संसद ने 15वां संशोधन पारित किया, जिससे कार्यवाहक प्रणाली औपचारिक रूप से समाप्त हो गई थी।
आज के फैसले से बड़े राजनीतिक प्रभाव की उम्मीद है, खासतौर पर इसलिए क्योंकि चुनाव के समय निष्पक्ष सरकार की मांग बांग्लादेश के राजनीतिक माहौल पर हावी रहती है।